December 22, 2024

कोई 7 वोट से जीता तो कहीं डिप्टी CM हार गए। 3 राज्यों के चुनाव परिणामों के बारे में 10 चौंकाने वाले तथ्य।

नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आए। त्रिपुरा में बीजेपी लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर रही है.

तो वहीं दूसरी तरफ नागालैंड में नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार बन रही है. मेघालय में मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। वे भाजपा और सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आए। त्रिपुरा में जहां बीजेपी दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रही. तो वहीं नागालैंड और मेघालय में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. इन चुनावों में कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी सामने आए। त्रिपुरा में जहां बीजेपी बहुमत हासिल करने में सफल रही, वहीं राज्य के डिप्टी सीएम जिष्णु देव वर्मा खुद चुनाव हार गए. वहीं नागालैंड में 60 साल में पहली बार कोई महिला विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बनी है. आइए जानते हैं चुनाव नतीजों के चौंकाने वाले 10 फैक्ट्स…

1- त्रिपुरा में बीजेपी जीती, लेकिन डिप्टी सीएम हारे

भाजपा त्रिपुरा में सत्ता में वापसी करने में सफल रही। 60 सीटों वाले राज्य में बीजेपी ने 33 सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी को एक बड़ा झटका चारिलम विधानसभा सीट पर लगा. यहां से पार्टी ने डिप्टी सीएम और बीजेपी के कद्दावर नेता जिष्णु देव बर्मा को मैदान में उतारा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। टिपरा मोथा के सुबोध देब बर्मा ने जिष्णु देव बर्मा को 858 मतों से हराया।

2- सबसे छोटी जीत: नगालैंड में 7, तो मेघालय में 10 वोटों से हुई जीत

तीनों राज्यों में सबसे छोटी जीत नगालैंड में हुई. यहां पश्चिमी अंगामी सीट पर नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) की महिला उम्मीदवार सल्हौतुओनुओ क्रूस ने निर्दलीय प्रत्याशी केनिझाखो नखरो से महज 7 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

तो वहीं मेघालय में राजबाला सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार तय हुई. यहां अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. मिजानुर रहमान काजी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी एमडी अब्दुस सालेह को हराया है. उन्होंने महज 10 वोटों से यह जीत हासिल की है.

3- सबसे बड़ी जीत

त्रिपुरा की बात करें तो यहां की तकरजला सीट से त्रिपुरा मोथा पार्टी के बिस्वजीत कलाई ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के प्रत्याशी बिधान देबबर्मा को 32455 वोटों से मत दी है. यह त्रिपुरा में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीत है. वहीं, मेघालय में मवलाई सीट पर वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी के प्रत्याशी ब्राइटस्टारवेल मार्बानियांग ने नेशनल पीपल्स पार्टी के उम्मीदवार टेइबोर्लैंग पथाव को सबसे ज्यादा 15648 वोटों से मात दी है. नगालैंड में सबसे बड़ी जीत 20096 वोट के अंतर से दर्ज की गई. घासपानी-I सीट पर बीजेपी प्रत्याशी एन. जैकब झिमोमी ने निर्दलीय प्रत्याशी वी. फुशिका एओमी को 20096 वोटों से हराया.

4- नगालैंड में 60 साल में पहली बार 2 महिला विधायक बनीं

नगालैंड चुनाव में जनता ने इतिहास रच दिया. यहां 60 साल में पहली बार कोई महिला विधायक बनी है. जनता पहली बार दो महिला उम्मीदवारों को चुनकर इतिहास रच दिया. बीजेपी की सहयोगी एनडीपीपी (सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) की उम्मीदवार हेकानी जखालु ने दीमापुर-तृतीय सीट तो सलहौतुओनुओ क्रूस ने पश्चिमी अंगामी सीट पर बाजी मारी.

इस बार विधानसभा चुनाव में 183 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से चार महिला उम्मीदवार भी थीं. हेकानी जखालु, क्रूस के अलावा तेनिंग सीट पर कांग्रेस की रोजी थॉम्पसन और अटोइजू सीट से भाजपा की काहुली सेमा भी मैदान में थीं. जिन्हें हार का सामना करना पड़ा.

5- नागालैंड में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं लाए। जबकि कांग्रेस नागालैंड में अपना खाता भी नहीं खोल सकी, पार्टी मेघालय में 5 और त्रिपुरा में तीन सीटें जीतने में सफल रही। त्रिपुरा में कांग्रेस ने वाम दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। 2018 में मेघालय में कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के लिए ये नतीजे चौंकाने वाले माने जा रहे हैं क्योंकि इन राज्यों में ऐसे समय चुनाव हुए थे जब हाल ही में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हुई है. हालांकि, राहुल केवल मेघालय में प्रचार करने आए थे, उन्होंने नगालैंड और त्रिपुरा में कोई रैली नहीं की।

6- पूर्वोत्तर में बीजेपी की सत्ता बरकरार है

त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय तीनों राज्यों में बीजेपी के लिए नतीजे अच्छे रहे. जहां त्रिपुरा में बीजेपी अकेले सरकार बनाने में सफल रही. तो वहीं दूसरी तरफ नागालैंड में बीजेपी के साथ गठबंधन में एनडीपीपी ने बहुमत हासिल किया. मेघालय में मौजूदा मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बताया जा रहा है कि चुनाव के बाद वे बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने पर राजी हो गए हैं. हालांकि, 2018 के चुनाव में बीजेपी और एनपीपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा और राज्य में सरकार बनाई। लेकिन 2023 के चुनाव से पहले दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं और अलग-अलग चुनाव लड़ी थीं।

7- त्रिपुरा में टिपरा मोथा पार्टी ने सबको चौंका दिया

त्रिपुरा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा त्रिपुरा के राजवंश के उत्तराधिकारी प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की टिपरा मोथा पार्टी की रही। टिपरा मोथा राज्य की 13 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहीं। प्रद्योत ‘तिपरालैंड’ के नाम से आदिवासी समुदाय के लिए अलग राज्य की मांग करते रहे हैं। प्रद्योत ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। उनके माता-पिता दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने उन्हें त्रिपुरा की कमान सौंपी थी, लेकिन वे इस पद पर अधिक समय तक नहीं टिक सके और एनआरसी मुद्दे के कारण इस पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने नई पार्टी बनाई।

8- मेघालय में ममता की पार्टी ने दिखाया दम

मेघालय में भले ही संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी ने उन्हें खूब टक्कर दी. ममता बनर्जी की पार्टी चुनाव में 5 सीटें जीतने में सफल रही. इससे पहले 2018 में पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और एक पर भी जीत नहीं मिल सकी थी.

9- तेमजेन इमना अलॉन्ग ने जीत हासिल की

सोशल मीडिया पर अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए मशहूर टेम्पजेन इम्ना अलॉन्ग ने जीत हासिल की। तेमजेन नागालैंड भाजपा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अलोंगटकी सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के जे लानू लोंगचर को हराया।

10- पूर्वोत्तर में नीतीश, पवार, चिराग की पार्टियों को क्या मिला?

नगालैंड में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), शरद पवार की एनसीपी, केंद्रीय मंत्री अठावले की आरपीआई भी मैदान में हैं. NCP ने जहां 7 सीटें जीतीं, वहीं JDU 1 सीट जीतने में सफल रही. वहीं लोजपा और आरपीआई भी दो-दो सीटें जीतने में सफल रहीं।

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