लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुसीबत, नौकरी के लिए जमीन देने वाले घोटाले में होगी CBI जांच
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब नौकरी के लिए जमीन देने वाले घोटाले में फंस गए हैं. उस घोटाले में सीबीआई को जांच करने की इजाजत मिल गई है. ये मामला 15 साल पुराना है जब लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अब नौकरी के लिए जमीन देने वाले घोटाले में फंस गए हैं. उस घोटाले में सीबीआई को जांच करने की इजाजत मिल गई है. ये मामला 15 साल पुराना है जब लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे. उन पर आरोप है कि उन्होंने जमीन के बदले नौकरी देने का काम किया. इस मामले में पहले भी कई बार छापेमारी की जा चुकी है.
लालू यादव पर क्या आरोप?
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गई. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गई.
जांच कहां तक पहुंची?
अभी तक इस मामले में आरजेडी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन इससे पहले पार्टी ने जोर देकर कहा था कि जांच एजेंसी बदले की भावना के तहत ये एक्शन ले रही है. अब इस बयानबाजी के बीच सीबीआई ने तो 23 सितंबर 2021 को ही इस मामले में जांच शुरू कर दी थी. तब प्राथमिक जांच में पाया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में जिन लोगों को अवैध रूप से चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां दी, उसके बदले उनसे औने-पौने दाम पर ज़मीनें ले ली गईं.
इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी की धारा 120बी के तहत एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव समेत उन 12 लोगों को भी आरोपी बनाया है जिसने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी ली.