अमेरिका तुर्की में भूकंप लाया? जानिए क्यों सोशल मीडिया पर साजिश की बातें हो रही हैं
सोशल मीडिया पर तुर्की और सीरिया में आए भूकंप को लेकर चर्चा है। कॉन्सपिरेसी थ्योरी चल रही है जिसमें तुर्की का भूकंप अमेरिका को जिम्मेदार बताया जा रहा है। लोग कहते हैं कि अमेरिका ने HAARP का उपयोग करके तुर्की में भूकंप लाया किया। अमेरिका और नाटो तुर्की को दंडित करना चाहते थे, इसलिए उसने ऐसा किया।
तुर्की और सीरिया में सोमवार तड़के आए भूकंप से अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है और मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने देश में सात दिनों के शोक की घोषणा की है। अमेरिका, भारत समेत कई देशों ने तुर्की की मदद के लिए टीमें भेजी हैं। एक तरफ जहां लोग सोशल मीडिया पर इस त्रासदी पर शोक जता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक तबका है जो इस भूकंप को लेकर साजिश की थ्योरी पर चर्चा करने में लगा हुआ है. ऐसे लोगों का कहना है कि यह भूकंप तुर्की को दंडित करने की अमेरिका की साजिश है.
सोशल मीडिया पर लोगों का एक वर्ग कह रहा है कि इस भूकंप को अमेरिका ने अपने बेहद उन्नत तकनीकी प्रोजेक्ट HAARP का इस्तेमाल कर बनाया है. भूकंप के समय बिजली गिरने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ पोस्ट किए जा रहे हैं कि भूकंप कृत्रिम रूप से उत्पन्न हुआ था। कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि भूकंप में बिजली गिरना सामान्य घटना नहीं है।
लोग लिख रहे हैं कि इस भूकंप के पीछे अमेरिका की तकनीक HAARP का हाथ है. HAARP (हाई-फ़्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम) आयनमंडल के अध्ययन के लिए स्थापित एक अमेरिकी अनुसंधान केंद्र है।
‘तुर्की के भूकंप के पीछे अमेरिका या नाटो’
सोशल मीडिया पर यूजर्स लिख रहे हैं कि तुर्की ने पश्चिमी देशों के दिखाए रास्ते पर चलने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अमेरिका ने उसे यह सजा दी है। कुरान जलाने की घटनाओं को देखते हुए तुर्की ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने का रास्ता बंद कर दिया था। इसको लेकर लोग कह रहे हैं कि तुर्की को इसकी सजा मिली है।
Snezhina Boahen नाम की एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, ‘तुर्की में भूकंप NATO या अमेरिका द्वारा HAARP तकनीक का उपयोग करके लाया गया प्रतीत होता है। ऐसा तुर्की को सजा दिलाने के लिए किया गया है। वीडियो में भूकंप से पहले बिजली चमकते हुए दिखाया गया है, जो भूकंप में सामान्य नहीं है, लेकिन HAARP ऑपरेशन में देखा जाता है।
कुछ दिनों पहले अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की में अपने दूतावास अस्थायी तौर पर बंद कर दिए थे। कई यूजर्स इसे लेकर आशंकित हैं कि इसी वजह से अमेरिका ने अपना दूतावास बंद कर तुर्की से अपने लोगों को बुलाया था।
वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘ये बादल 2 फरवरी, 2023 को कृत्रिम भूकंप बनाने के लिए आयनमंडल को सक्रिय करने वाले अमेरिकी हथियार HAARP के कारण दिखाई दिए। अमेरिका तुर्की में एक कृत्रिम भूकंप बनाना चाहता था, इसलिए उसने जानबूझकर वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया।’ .