लड़ाकू जहाजों का बिखरा मलबा, उठ रही लपटें, खेत में बड़ा गड्ढा…डरावना मंजर देख दंग रह गए लोग INDIAN AIRFORCE FIGHTER JET ACCICDENT IN INDIA
मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार को दो फाइटर जेट हादसे का शिकार हो गए। यहां दो फाइटर जेट हवा में टकरा गए।
इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो पायलट घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के चश्मदीदों ने विमान हादसे के दृश्य का वर्णन किया है कि कैसे आग का गोला आसमान से नीचे गिरा।
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मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार को भारतीय वायुसेना के दो फाइटर जेट आपस में टकराने के बाद हादसे का शिकार हो गए. आपस में टकराने के बाद दोनों लड़ाकू विमान तेज आवाज के साथ आग के गोले की तरह जमीन पर गिरते नजर आए.
इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो पायलट पैराशूटिंग के दौरान झाड़ियों में गिर गए। इन दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी और नियमित परिचालन उड़ान प्रशिक्षण मिशन पर थे। मुरैना के पहाड़गढ़ और राजस्थान के भरतपुर में विमानों का मलबा गिरा।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इनमें से एक विमान रूस द्वारा डिजाइन किया गया सुखोई-30एमकेआई था और दूसरा फ्रांस द्वारा बनाया गया मिराज-2000 था। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने आसमान में विस्फोट की आवाज सुनी। इसके बाद जब वे बाहर आए तो देखा कि आग का एक गोला काफी ऊंचाई से जमीन पर गिरने वाला है। इसी दौरान गांव के पास घने जंगल में दो लोगों को पैराशूट से उतरते देखा गया। बाद में पता चला कि दोनों पायलट थे और जंगल में झाड़ी में गिरकर घायल हो गए। इसके बाद लोगों ने वहां पहुंचकर दोनों पायलटों को झाड़ी से बाहर निकाला। कुछ देर बाद उन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया।
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अधिकारियों ने बताया कि मिराज विमान के मृत पायलट की पहचान विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसी के साथ सुखोई विमान के दो पायलट बाहर निकलने में कामयाब रहे और उन्हें सैन्य अस्पताल ले जाया गया. इस हादसे की जानकारी एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को दी.
जिला मुख्यालय से 75KM दूर गिरा मलबा
विमानों का मलबा मुरैना जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ इलाके में गिरा, जबकि कुछ हिस्सा पड़ोसी राज्य राजस्थान के भरतपुर में भी गिरा. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों विमानों का मलबा पहाड़गढ़ से करीब चार किलोमीटर दूर 500-800 मीटर के इलाके में बिखरा हुआ था और इसमें आग लग गई। जिसके बाद लोगों ने मिट्टी फेंक कर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया. इस हादसे के बाद करीब डेढ़ हजार लोग मौके पर पहुंच गए थे।
पांच किलोमीटर दूर दिखा धुआं तो भागकर पहुंचे और बुझाई आग
पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे वह घटनास्थल के पास था. उसने एक विमान को आग की लपटों में घिरा देखा. करीब 5 किलोमीटर दूर एक जगह पर धुआं दिखाई दिया. मौके पर पहुंचे तो देखा कि वहां विमान का मलबा जल रहा है. उसे मिट्टी से बुझाने की कोशिश की. सरपंच ने घटना की जानकारी पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी.