December 8, 2024

पाकिस्तान में खाने-पीने के पड़े लाले ! दो चून की रोटी के लिए भी मारामारी

पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. आलम कुछ ऐसा हो गया है कि देश में गरीबों को रोटी भी ठीक मोहताज नहीं हो रही है. सिर्फ आटा ही इतना ज्यादा महंगा हो गया है कि दो वक्त का खाना तैयार करना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है. आटे के साथ चावल, सब्जी समेत कई तरह के जरूरी घरेलू सामान की कीमत आसमान छू रही है.

भुखमरी के पैमाने पर पाकिस्तान

पाकिस्तान की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. गरीबों को दो वक्त की रोटी भी ठीक से नसीब नहीं हो रही है. सिर्फ आटा ही इतना महंगा हो गया है कि गरीब आदमी खरीद तक नहीं पा रहा है. शहबाज शरीफ सरकार की ओर से कोई बड़ी मदद भी गरीबों को नहीं गई है. पाकिस्तान की खाद्य मुद्रास्फीति (फूड इन्फ्लेशन) में लगातार तेजी देखी जा रही है. खासतौर पर साल 2022 में आई बाढ़ के बाद से खाद्य मुद्रास्फीति की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई है.

अगस्त, साल 2022 में पाकिस्तान की खाद्य मुद्रास्फीति की दर 30 फीसदी को पार गई थी, जो दिसंबर आते-आते रिकॉर्ड 37.9 फीसदी पर थी. वहीं शहरी इलाकों की बात करें तो सितंबर 2022 पर 30 फीसदी थी जो अगले महीने अक्टूबर में रिकॉर्ड 34.7 फीसदी, नवंबर में गिरकर 29.7 फीसदी तो दिसंबर फिर बढ़कर 32.7 पर पहुंच गई.पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ने की घरेलू खाद्य संकट समेत कई बड़ी वजह हैं. इनमें अंतराष्ट्रीय बाजार में खाद्य आइटमों के महंगे दाम, पाकिस्तानी रुपये का कमजोर होना, प्रतिबंधों की वजह से आयात में कमी, जैसे कारण शामिल हैं.पाकिस्तान में खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ने की घरेलू खाद्य संकट समेत कई बड़ी वजह हैं. इनमें अंतराष्ट्रीय बाजार में खाद्य आइटमों के महंगे दाम, पाकिस्तानी रुपये का कमजोर होना, प्रतिबंधों की वजह से आयात में कमी, जैसे कारण शामिल हैं.

बाढ़ की वजह से गेहूं की फसल का नुकसान हुआ

पाकिस्तान में गेहूं संकट, कई शहरों में आसमान छू रहा आटे का दाम
मौजूदा समय में पाकिस्तान गेहूं संकट से जूझ रहा है. आटे का दाम आसमान छू रहा है. गरीब लोगों को रोटियां नसीब होना भी मुश्किल हो गया है. हालांकि, पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों का मानना है कि ऐसा कोई संकट नहीं है. बाढ़ की वजह से गेहूं की फसल का जितना नुकसान सोचा गया था, उतना नहीं हुआ है.

अधिकारियों का मानना है कि इस साल भी देश अपने 28.4 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के टारगेट को पूरा कर लेगा. हालांकि, पाकिस्तान की किसान लॉबी का मानना है कि, इस साल देश शायद इतना उत्पादन ना कर पाए.

पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी के बाजार में आटे की कीमत 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. आटे की 15 किलो की बोरी 2250 रुपये तक में बिक रही है. वहीं लाहौर में भी आटे का दाम 145 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. ऐसी ही मिलती-जुलती हालत अन्य शहरों में भी है.

खेती के लिए फर्टिलाइजर (उर्वरक) के बढ़ते दाम किसानों के सामने एक बड़ी समस्या है. साल 2022 में फर्टिलाइजर के दाम आसमान छू रहे थे. वैश्विक स्तर पर भी इसकी महंगाई देखने को मिली थी. महंगे होते जा रहे फर्टिलाइजर का काफी असर किसानों पर देखने को मिला. चिंता की बात यह है कि साल 2023 में ही 6 महीने तक फर्टिलाइजर की महंगाई कम होती नहीं नजर आ रही है, चाहे अंतराष्ट्रीय दाम स्थिर रहें.

पाकिस्तान में आटे के साथ-साथ चावल के दाम भी छू रहे आसमान
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के अनुसार, जहां एक तरफ आटा लगातार महंगा होता जा रहा है तो चावल भी कम पीछे नहीं है. पिछले कुछ महीनों में चावल के दाम में लगातार बढ़तरी देखने को मिली. इसी वजह से वित्तीय वर्ष 2022-23 में चावल का निर्यात की वर्ष 2021-22 से कम रहने की उम्मीद है.

साल 2022 में बाढ़ की वजह से काफी संख्या में धान की फसल बर्बाद हुई, जिस वजह से बहुत आशावादी होकर भी देखें तो साल 2022 में चावल का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा 8.3 मिलियन टन ही रहा होगा, जो साल 2021 के मुकाबले में करीब एक मिलियन टन कम है.

बाढ़ की वजह से पाकिस्तान में कई तरह की छोटी फसल बर्बाद

पाकिस्तान में बाढ़ से गेहूं, चावल के साथ और चीजों को भी नुकसान
बाढ़ की वजह से पाकिस्तान में कई तरह की छोटी फसल बर्बाद हो गई, जिसका भारी असर सब्जी, दाल और सरसों जैसी चीजों पर देखने को मिला. हालांकि, साल 2022 के आखिरी दो तिमाही में पाम ऑयल के अंतराष्ट्रीय दाम में कमी देखी गई, जो पाकिस्तान के लिए एक अच्छी खबर थी. लेकिन मई 2022 में आयात प्रतिबंध और घरेलू महंगाई की वजह से कोई फायदा नहीं मिल पाया.

दूसरी ओर, मौजूदा गैस संकट तो कुछ ऐसा है, जैसा शायद पाकिस्तान के इतिहास में ही पहली बार हुआ हो. लोगों को खाना बनाने के लिए गैस सप्लाई तक नहीं मिल पा रही है. और खास बात है कि यह संकट अभी टलता हुआ भी नजर नहीं आ रहा है. इसी वजह से रेस्टोरेंट जैसी जगहों पर मिलने वाले पके हुए खाने के दाम भी दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं

पाकिस्तान में बिजली संकट भी गंभीर है. यहां तक कि अधिकतर इलाकों में सर्दियों में भी बिजली संकट लगातार जारी है. शहर और गावों के बाजारों में बिजली नहीं है, जिस वजह से उन्हें दिन के समय में ही सिर्फ दुकानें खोलनी पड़ रही हैं. अंधेरा होने से पहले बाजार बंद हो रहे हैं, जिसका छोटे कारोबारियों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.

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